लोकतंत्र और यथास्थितिवाद के बीच थाईलैंड

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Om Prakash Das
Om Prakash Das is a Research Fellow with the Southeast Asia & Oceania Centre in the Manohar Parrikar Institute for Defence Studies and Analyses (MP-IDSA), New Delhi. He has done… Continue reading लोकतंत्र और यथास्थितिवाद के बीच थाईलैंड read more

सारांश

मई 2023 में, थाईलैंड में एक सेना समर्थित चुनी हुई सरकार के पांच सालों के शासन के बाद एक महत्वपूर्ण आम चुनाव हुआ। नतीजों ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया क्योंकि राजनीतिक सुधार की वकालत करने वाली ‘मूव फॉरवर्ड’ पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की, जबकि लंबे समय से एक बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी रही, ‘फिउ थाई’ पार्टी दूसरे स्थान पर रही। यह परिणाम सैन्य समर्थित प्रतिष्ठान के लिए एक महत्वपूर्ण झटका था, जो थाई जनता के बीच परिवर्तन की तीव्र इच्छा का संकेत देता है। लेकिन नई सरकार एक बार फिर से सेना समर्थित राजनीतिक दलों के गठबंधन से ही बनी और सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी की भूमिका अप्रासंगिक बन गई। इसके पीछे संवैधानिक और सत्ता के तंत्र की भूमिका साफ दिखती है, जिसका बार-बार पुनर्गठन तो हुआ, इसके बावजूद, सेना और राजशाही जैसे वर्चस्वशाली प्रतिष्ठान अपने आप को लगातार निर्णायक स्थिति में बनाए हुए हैं।

Keywords: Democracy, Thailand